बांग्लादेश में हिंसा के मुख्य कारण इस प्रकार है 

राजनीतिक अस्थिरता:   बांग्लादेश में हिंसा के संदर्भ में "राजनीतिक अस्थिरता" का मतलब है कि देश की राजनीतिक प्रणाली और नेतृत्व में लगातार परिवर्तन, अस्थिरता, और अनिश्चितता बनी रहती है। इसका प्रभाव निम्नलिखित तरीकों से देखा जा सकता है:

Ø  सरकारों का बार-बार बदलना: बांग्लादेश में अक्सर राजनीतिक दलों के बीच गहरी असहमति होती है, जिसके कारण सरकारें बार-बार बदलती रहती हैं। यह स्थिरता को कमजोर करता है और प्रशासनिक कार्यों में रुकावटें आती हैं।

Ø  विरोध प्रदर्शन और हड़तालें: राजनीतिक अस्थिरता के कारण देश में विरोध प्रदर्शन, हड़तालें, और बंद आम हो जाते हैं। ये घटनाएं अक्सर हिंसक रूप ले लेती हैं और समाज में तनाव बढ़ा देती हैं।

Ø  ध्रुवीकृत राजनीति: बांग्लादेश की राजनीति में ध्रुवीकरण का प्रभाव देखा जाता है, जहां प्रमुख राजनीतिक दल और उनके समर्थक एक-दूसरे के खिलाफ सख्त रुख अपनाते हैं। इससे समाज में विभाजन और संघर्ष बढ़ता है।

Ø  असंतोष और विद्रोह: राजनीतिक अस्थिरता के कारण जनता में असंतोष और नाराजगी बढ़ती है। यह असंतोष कभी-कभी हिंसक विद्रोहों और संघर्षों में बदल जाता है।

Ø  न्याय और सुरक्षा की कमजोर स्थिति: अस्थिर राजनीतिक वातावरण में न्यायिक प्रणाली और सुरक्षा बलों की भूमिका कमजोर हो सकती है, जिससे कानून और व्यवस्था को बनाए रखना मुश्किल हो जाता है। यह अपराध और हिंसा के बढ़ने का कारण बन सकता है।

इन सभी कारकों के परिणामस्वरूप, राजनीतिक अस्थिरता हिंसा को प्रोत्साहित करती है और देश के सामान्य नागरिकों के जीवन को प्रभावित करती है।

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            धार्मिक असहिष्णुता:   बांग्लादेश में हिंसा में धार्मिक असहिष्णुता का मतलब यह है कि वहां अलग-अलग धार्मिक समुदायों के बीच असहिष्णुता या असहनीयता बढ़ गई है। इसका मतलब यह है कि कुछ लोग या समूह दूसरे धर्मों के अनुयायियों को सहन नहीं करते, उनके प्रति नफरत या द्वेष रखते हैं, और यह असहिष्णुता हिंसा का रूप ले लेती है। 

धार्मिक असहिष्णुता के कारण बांग्लादेश में अक्सर अल्पसंख्यक समुदायों पर हमले होते हैं, उनके धार्मिक स्थलों को नुकसान पहुँचाया जाता है, और उनकी धार्मिक स्वतंत्रता पर हमला किया जाता है। इस प्रकार की असहिष्णुता सामाजिक और धार्मिक शांति को खतरे में डालती है, और समाज में तनाव और विभाजन पैदा करती है।

 आर्थिक असमानता:   बांग्लादेश में हिंसा के संदर्भ में आर्थिक असमानता का मतलब है कि समाज के विभिन्न वर्गों के बीच आय और संपत्ति के वितरण में बड़ा अंतर होना। आर्थिक असमानता के कारण निम्नलिखित समस्याएँ उत्पन्न हो सकती हैं:

Ø  गरीबी और वंचना: समाज के एक बड़े हिस्से को बुनियादी जरूरतें जैसे भोजन, शिक्षा, स्वास्थ्य सेवा, और रोजगार नहीं मिल पाता है, जबकि कुछ लोग अत्यधिक समृद्ध होते हैं। इस असमानता के चलते गरीब वर्ग में असंतोष और नाराजगी बढ़ती है।

Ø  सामाजिक असंतोष: जब समाज के एक हिस्से को लगता है कि वे आर्थिक अवसरों से वंचित हैं, तो उनके बीच सरकार और समाज के उच्च वर्गों के प्रति असंतोष बढ़ सकता है। यह असंतोष हिंसा का रूप ले सकता है।

Ø  अपराध और हिंसा: आर्थिक असमानता के कारण कुछ लोग अपराधिक गतिविधियों में संलग्न हो सकते हैं, जैसे चोरी, डकैती, और अन्य हिंसक अपराध। यह असुरक्षा की भावना को बढ़ाता है और समाज में हिंसा फैल सकती है।

Ø  राजनीतिक अस्थिरता: आर्थिक असमानता से उत्पन्न असंतोष को राजनीतिक दल और समूह अपने फायदे के लिए भुना सकते हैं, जिससे समाज में तनाव और हिंसा का माहौल बन सकता है।

इस प्रकार, आर्थिक असमानता केवल आर्थिक समस्या नहीं है, बल्कि यह सामाजिक और राजनीतिक अस्थिरता का कारण भी बन सकती है, जो अंततः हिंसा को जन्म देती है।

सामाजिक तनाव:   बांग्लादेश में हिंसा के संदर्भ में सामाजिक तनाव का मतलब समाज के विभिन्न वर्गों, समूहों, या समुदायों के बीच व्याप्त तनाव और असंतोष से है। यह तनाव कई कारणों से उत्पन्न हो सकता है, जैसे:

Ø  धार्मिक भेदभाव: अलग-अलग धार्मिक समुदायों के बीच असहमति और भेदभाव सामाजिक तनाव का प्रमुख कारण हो सकता है। यह अक्सर धार्मिक भावनाओं को आहत करने वाले मामलों, धार्मिक असहिष्णुता, या धार्मिक अधिकारों के उल्लंघन से उत्पन्न होता है।

Ø  जातीय और सांस्कृतिक अंतर: विभिन्न जातीय समूहों या सांस्कृतिक समुदायों के बीच पहचान और संसाधनों के लिए संघर्ष भी सामाजिक तनाव को जन्म दे सकता है। यह अक्सर स्थानीय और राष्ट्रीय स्तर पर हिंसक संघर्ष का कारण बनता है।

Ø  आर्थिक असमानता: समाज के विभिन्न वर्गों के बीच आर्थिक संसाधनों और अवसरों की असमानता भी तनाव का एक स्रोत हो सकती है। जब एक वर्ग को लगता है कि उसके साथ अन्याय हो रहा है या उसके अवसरों को सीमित किया जा रहा है, तो यह असंतोष और हिंसा में परिवर्तित हो सकता है।

Ø  राजनीतिक ध्रुवीकरण: जब राजनीतिक दल या नेता समाज के विभिन्न समूहों के बीच विभाजन और ध्रुवीकरण को बढ़ावा देते हैं, तो इससे भी सामाजिक तनाव बढ़ सकता है। यह विभाजन समाज में अस्थिरता और हिंसा का कारण बन सकता है।

सामाजिक तनाव तब और भी खतरनाक हो जाता है जब वह हिंसा में बदल जाता है, जिससे समाज में और अधिक अस्थिरता और विभाजन उत्पन्न होता है। बांग्लादेश में, इस प्रकार के तनाव कई बार विभिन्न हिंसक घटनाओं और संघर्षों के रूप में प्रकट हुए हैं।


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   आतंकी गतिविधियाँ:   बांग्लादेश में हिंसा के संदर्भ में "आतंकी गतिविधियाँ" का मतलब उन संगठनों या समूहों द्वारा की जाने वाली हिंसक और चरमपंथी गतिविधियों से है, जिनका उद्देश्य समाज में डर, अस्थिरता और अव्यवस्था फैलाना होता है। ये गतिविधियाँ धार्मिक, राजनीतिक, या वैचारिक उद्देश्यों से प्रेरित हो सकती हैं और इनमें निर्दोष लोगों पर हमले, बम धमाके, अपहरण, या अन्य प्रकार की हिंसा शामिल हो सकती हैं। आतंकी समूह अक्सर समाज में विभाजन और डर का माहौल बनाने की कोशिश करते हैं, ताकि वे अपने उद्देश्य को पूरा कर सकें। बांग्लादेश में ऐसे आतंकी समूह कभी-कभी बाहरी संगठनों से प्रेरित या समर्थित होते हैं, और इनका मकसद देश की सुरक्षा और स्थिरता को नुकसान पहुँचाना होता है। ये समूह सरकार, सुरक्षा बलों, या अल्पसंख्यक समुदायों को निशाना बनाते हैं और अपने कार्यों से सामाजिक ताने-बाने को तोड़ने की कोशिश करते हैं।

इन कारणों के अलावा, अंतर्राष्ट्रीय मुद्दे, पड़ोसी देशों के साथ संबंध, और आंतरिक सुरक्षा की कमी भी हिंसा के बढ़ने में योगदान देते हैं।