ताजमहल का इतिहास और ताजमहल को तेजो महल क्यू कहा जा रहा है |



ताजमहल, जिसे दुनिया के सात अजूबों में से एक माना जाता है, के बारे में कई कहानियाँ और अफवाहें प्रचलित हैं। विशेष रूप से इसके बंद दरवाजों और तहखानों को लेकर लोगों में काफी जिज्ञासा रही है। ताजमहल की सच्चाई और इसके बंद दरवाजों के रहस्य को समझने के लिए हमें इसके इतिहास और तथ्यों पर गौर करना होगा।

ताजमहल का इतिहास

ताजमहल को मुगल बादशाह शाहजहां ने अपनी बेगम मुमताज महल की याद में बनवाया था। इसका निर्माण 1632 में शुरू हुआ और लगभग 1653 में पूरा हुआ। यह सफेद संगमरमर से बना एक भव्य मकबरा है, जो यमुना नदी के किनारे स्थित है और दुनिया भर से पर्यटकों को आकर्षित करता है।

ताजमहल के बंद दरवाजे और तहखानों का रहस्य

ताजमहल के कुछ हिस्से, खासकर इसके निचले हिस्से में बंद दरवाजे और तहखाने हैं, जिनके बारे में कई तरह की बातें कही जाती हैं:

1.     सांस्कृतिक धरोहर की सुरक्षा: ताजमहल के कुछ दरवाजे इसलिए बंद हैं क्योंकि वे संरचना की सुरक्षा और संरक्षण के लिए महत्वपूर्ण हैं। भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) ने कुछ हिस्सों को बंद रखा है ताकि वहां किसी भी प्रकार की छेड़छाड़ या नुकसान न हो सके।

2.     निर्माण तकनीक और कमजोर संरचना: कहा जाता है कि ताजमहल के तहखानों में नमी की समस्या हो सकती है, जो समय के साथ उसकी संरचना को नुकसान पहुंचा सकती है। इसे रोकने के लिए कुछ हिस्सों को बंद रखा गया है।

3.     आधुनिक काल की अफवाहें: ताजमहल के बंद दरवाजों को लेकर कई षड्यंत्रकारी सिद्धांत और अफवाहें भी फैली हुई हैं, जैसे कि वहाँ किसी अन्य धार्मिक स्थल के अवशेष छुपे हुए हैं। हालांकि, इन दावों का कोई ठोस प्रमाण नहीं है और भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण द्वारा इन्हें खारिज किया गया है। ताजमहल के बंद दरवाजों और तहखानों को लेकर जो रहस्य और कहानियाँ प्रचलित हैं, उनमें से अधिकांश केवल कल्पनाएँ और अफवाहें हैं। वास्तविकता यह है कि ताजमहल एक ऐतिहासिक धरोहर है, और इसके कुछ हिस्सों को सुरक्षा और संरक्षण के उद्देश्य से बंद रखा गया है। भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण द्वारा प्रकाशित सामग्री पढ़ी जा सकती है, जो प्रमाणिक जानकारी प्रदान करती है।

 

भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण द्वारा प्रकाशित प्रमुख सामग्री:

1.     "Monumental Marvels of India": इस पुस्तक में ASI द्वारा संरक्षित भारत के प्रमुख स्मारकों, जिनमें ताजमहल भी शामिल है, के इतिहास और संरचना का विस्तार से वर्णन किया गया है।

2.     "The Taj Mahal" (Conservation and Management): इस रिपोर्ट में ताजमहल के संरक्षण, प्रबंधन और इसके ऐतिहासिक महत्व पर प्रकाश डाला गया है। इसमें ताजमहल के निर्माण, स्थापत्य शैली, और इसके रखरखाव के उपायों पर चर्चा की गई है।

3.     "Annual Report of the Archaeological Survey of India": ASI हर साल एक रिपोर्ट प्रकाशित करता है, जिसमें ताजमहल समेत भारत के अन्य स्मारकों के संरक्षण कार्य, ऐतिहासिक शोध और अन्य गतिविधियों का विवरण होता है।

4.     "The Wonder that is Taj": यह पुस्तक ताजमहल के इतिहास, स्थापत्य कला, और इससे जुड़ी कहानियों को प्रस्तुत करती है। इसमें ताजमहल के निर्माण के समय के ऐतिहासिक संदर्भ और इसके संरचना की बारीकियों को समझाया गया है।

ताजमहल के संरक्षण से जुड़ी जानकारी

ASI ताजमहल के संरचना और इतिहास की जानकारी देने के साथ-साथ इसके संरक्षण के लिए विभिन्न योजनाओं और गतिविधियों की भी रिपोर्ट करती है। इनमें शामिल हैं:

  • संरक्षण योजना (Conservation Plan): ताजमहल की संरचना को बनाए रखने और उसकी खूबसूरती को बरकरार रखने के लिए ASI ने कई योजनाएँ बनाई हैं। इनमें साफ-सफाई, मरम्मत, और संरचना के रखरखाव के लिए विभिन्न उपाय शामिल हैं।
  • पर्यावरणीय रिपोर्ट: ताजमहल के आसपास के वातावरण की स्थिति और इसे सुरक्षित रखने के लिए AS I द्वारा उठाए गए कदमों का वर्णन भी इन रिपोर्ट्स में किया गया है।

स्रोत तक पहुँच

इन सभी पुस्तकों और रिपोर्ट्स को आप ASI के वेबसाइट से प्राप्त कर सकते हैं या भारत के प्रमुख पुस्तकालयों में जाकर देख सकते हैं। इसके अतिरिक्त, कुछ रिपोर्ट्स और सामग्री ASI की ऑफिशियल वेबसाइट पर भी उपलब्ध हो सकती हैं।

 

ताज महल को अभी तेजो महल क्यों कहा जा रहा है

 

ताज महल को तेजो महल कहने का एक कारण यह है कि कुछ लोगों का मानना है कि ताज महल वास्तव में एक प्राचीन हिंदू मंदिर था, जिसे भगवान शिव को समर्पित किया गया था। यह विचार विशेष रूप से हिंदू राष्ट्रवादी समूहों और कुछ इतिहासकारों द्वारा प्रचारित किया गया है। उनका दावा है कि ताज महल के स्थान पर पहले एक शिव मंदिर था जिसे "तेजो महालय" कहा जाता था, और मुगल सम्राट शाहजहां ने इसे ध्वस्त करके ताज महल का निर्माण किया। हालांकि, इस विचार का समर्थन करने वाले प्रमाण बहुत ही विवादास्पद हैं और इसे व्यापक रूप से स्वीकार नहीं किया गया है। मुख्यधारा के इतिहासकार और पुरातत्त्ववेत्ताओं का मानना है कि ताज महल शाहजहां द्वारा अपनी पत्नी मुमताज़ महल की स्मृति में बनवाया गया मकबरा है। भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण ये यस आई और अन्य आधिकारिक संस्थाओं ने भी इस दावे को खारिज किया है कि ताज महल के स्थान पर कोई हिंदू मंदिर था। इसलिए, "तेजो महालय" का विचार एक विवादित और अस्वीकार्य इतिहास पर आधारित है, जो अक्सर राजनीतिक और सांस्कृतिक एजेंडा के तहत प्रचारित किया जाता है।